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महर्षि पतंजलि जिन्होंने दुनिया को दिया योग का ज्ञान

योग : महर्षि पातंजलि द्वारा महर्षि पतंजलि संभवत: पुष्यमित्र शुंग (195-142 ई.पू.) के शासनकाल में थे. आज आपके लिए योग का ज्ञान अगर सुलभता से उपलब्ध है तो इसका श्रेय महर्षि पतंजलि को ही जाता है. पहले योग के सूत्र बिखरे हुए थे उन सूत्रों में से योग को समझना बहुत मुश्किल था. इसे समस्या को समझते हुए महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को इकट्ठा किया और अष्टांग योग का प्रतिपादन किया. पतंजलि ने पाणिनी के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य कहा जाता है। इनका काल लगभग 200 ईपू माना जाता है। पतंजलि ने इस ग्रंथ की रचना कर पाणिनी के व्याकरण की प्रामाणिकता पर अंतिम मोहर लगा दी थी। महाभाष्य व्याकरण का ग्रंथ होने के साथ-साथ तत्कालीन समाज का विश्वकोश भी है। पतंजलि एक महान चकित्सक थे और इन्हें ही कुछ विद्वान 'चरक संहिता' का प्रणेता भी मानते हैं। पतंजलि रसायन विद्या के विशिष्ट आचार्य थे- अभ्रक, विंदास, धातुयोग और लौहशास्त्र इनकी देन है। पतंजलि संभवत: पुष्यमित्र शुंग (195-142 ईपू) के शासनकाल में थे। राजा भोज ने इन्हें तन के साथ मन का भी चिकित्सक कहा है। द्रविड़ देश के सुकवि रामचन्द्र दीक्षित...

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          Himanshu Dorbi is a 20 year old blogger, with experience in blogging and affiliate marketing. Himanshu is fueled by her passion for understanding the nuances of blogging. He considers himself a ‘forever student,’ eager to both build on his academic foundations in psychology  and stay in tune with the latest digital marketing strategies through continued coursework.
His hunger for knowledge and determination to turn information into action has contributed to his most recent success at affiliate programs, where he led , award-winning campaigns  Meanwhile, he vastly improved the productivity by implementing strategic project management methods and ensuring a work-life balance for his department.
Himanshu believes mindfulness in the workplace is key to success - a tenet he lives out through her interests in yoga, meditation, gardening, and painting. Himanshu is currently working as a freelancer,blogger and is always interested in a challenge. Reach out to dorbihimanshu306@gmail.com to connect!

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उज्जायी प्राणायाम फॉर थाइरोइड/थाइरॉइड ग्रंथि के रोग को दूर करता है

उज्जायी प्राणायाम फॉर थाइरोइड: आज के समय में अधिकतर लोग स्वास्थ्य की वजह से परेशान रहते हैं। हर व्यक्ति को किसी न किसी बीमारी की वजह से काफी कुछ झेलना पड़ता है। हालांकि इस परेशानी की जड़ आपकी अस्त-व्यस्त जीवनशैली ही है। ऐसे में जीवनशैली को सुधारने की जरूरत तो है ही साथ में, अस्पताल के चक्कर न काटने पड़े इसके लिए आप उज्जायी प्राणायाम   योग अपनाएं। जिन लोगों को खर्राटे और थायरॉइड की समस्या है उनके लिए हम बाबा रामदेव का एक ऐसा योग बताने जा रहे हैं, जिसको नियमित करने पर खुद असर दिखने लगेगा। उज्जायी प्राणायाम : योगेन्द्र प्राणायाम-उज्जायी; विजयी सांस।   शब्द से, ' जया ' उज्जायी आती है, जिसका अर्थ है जीत - विजयी। इसलिए " उज्जायी " प्राणायाम है जो बंधन से मुक्ति देता है। यह हठयोग के आठ कुंभों में से एक है।  शुरुआत का स्थान :उज्जायी प्राणायाम:  सुखासन या किसी अन्य ध्यान मुद्रा में प्रारंभिक कंडीशनिंग करें। फर्श पर बैठने में असमर्थ होने पर, एक पुष्ट कुर्सी के साथ एक मजबूत कुर्सी पर बैठें। कमर के ऊपर शरीर को सीधा रखें और रीढ़ को सीधा रखें। आंखें बंद रखी जा सकती हैं। कदम: उ...

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